Bharat ke Hum Bharatvasi
The Picture is from Birthday celebrations of brother Amitabh Bachchan.
Photo Credits : Amrit Sharma
Vigyan ke Dharatal
विज्ञान के धरातलों पर घूमता फिरा हूं मै
रसायनों के चक्करों में था कभी
कम्प्यूटरों की भूमि में भटका भी था
और कभी कैंसर ने घसीटा अपनी खोज में
भौतिकी यंत्रों का मै कायल रहा
और भी कितने ही विषय विज्ञान के
है आज भी मुझको निमंत्रण दे रहे
सोचता हूं और समझता भी हूं मै इस अपवाद को
हो नही सकता है कोई विश्व के विज्ञान में
भेद सारे जान पाये विश्व के विज्ञान के
है कठिन पथ खोज का सब जानते हैं
फिर भी जो इसमें रमें सब मानते हैं
इससे बढकर है नही आनंद कोई विश्व में
ज्ञान की सीमा बढाना हे अभय
Netradan
मेरे अंगोंसे अंग काटकर
कॊई जीवन पार लगा देना
मरने के बाद मेरे हमदम
जग का कल्याण करा देना
कॊई नेत्रहीन पा नेत्र मेरे
जब इस दुनिया को देखेगा
मेरे जाने के बाद मेरा
जीवन सार्थक हो जायेगा
पुलकित होकर उसका मन
जब भावनाऒं को समझेगा
मेरी आंखें जग में होगीं
एक पुनर्जन्म हो जायेगा